सीएए,एनपीआर व एनआरसी से देश में अस्थिरता का माहौल: येचुरी



 ग्वालियर l गुरुवार को ग्वालियर में सीपीआई (एम) के द्वारा आयोजित सीएए विरोधी रैली में हिस्सा लेने ग्वालियर आए येचुरी ने कहा कि  पूरे देश में सीएए,एनपीआर व एनआरसी का विरोध हो रहा है और केन्द्र सरकार ने सीएए कानून बनाकर देश को अस्थिरता में झोंककर ध्रुवीकरण करके सांप्रदायिक राजनीति शुरू कर दी है। इससे कि ‘यह पहली बार हुआ कि देश में नागरिकता को धर्म से जोड़ा गया है और सीएए देश के संविधान पर हमला है, केवल मुसलमान ही नहीं, बल्कि दलित, आदिवासी तक इससे प्रभावित होने वाले हैं।
येचुरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘यह पहली बार हुआ कि देश में नागरिकता को धर्म से जोड़ा गया है और सीएए देश के संविधान पर हमला है, केवल मुसलमान ही नहीं, बल्कि दलित, आदिवासी तक इससे प्रभावित होने वाले हैं। इसकी जरूरत क्या थी, सीएए कानून के पहले भी लोगों को भारत की नागरिकता दी गयी। हाल ही में पाकिस्तान के अदनान सामी को भारतीय नागरिकता दी गई।
उन्होंने कहा कि सीएए आगे चलकर एनपीआर और एनआरसी में बदलेगा और ये तीनों आपस में जुड़े हुए हैं। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि एनपीआर केवल जनगणना जैसा है। यूपीए सरकार के समय एनपीआर का प्रोजेक्ट फेल हो गया था। यही कारण है कि देश के 13 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सीएए,एनपीआर व एनआरसी का विरोध किया है। ’
येचुरी ने कहा कि ‘जिन राज्यों ने एनपीआर नहीं रोका, वे भी इस काम को रोक दें, क्योंकि इससे देश में अस्थिरता का वातावरण बन रहा है। उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि देश में ध्रुवीकरण और वोट बैंक की सांप्रदायिक राजनीति की जा रही है और इसके खिलाफ आंदोलन भी तेज हो रहा है।