साडाः कहीं बंद न हो जाये


बिना अध्यक्ष का साडा (विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण) कहीं अब बंद ही न हो जाये। लगभग वहां के कर्मचारी अधिकारी तो यह मान ही बैठे है। साडा के खजाने खाली है, विकास कार्य ठप्प है। अधिकारी कर्मचारी तिघरा साडा के आफिस में जा भी नहीं रहे है। केवल एक चपरासी आफिस चला रहा है।
राज्य शासन अब इस आफिस (साडा) को नगर निगम या जीडीए में मर्ज कर सकता हैं। इसके लिए लगभग तैयारी अंतिम चरण में हैं।