नगर निगम में कमिश्रर और उनकी टीम तो स्वच्छ सर्वेक्षण में काम पर लगी है, लेकिन निगम के ही कुछ अधिकारी अपना सपना मनी -मनी की तर्ज पर खेलने में लगे हैं। वह फाइनल भुगतान में लोगों का खून चूसने में लगे हैं। एक एडीशनल स्तर के अधिकारी तो बिना लिये दिये कुछ करते ही नहीं है और निगम खजाना खाली है, कहकर सबको बैरंग लौटा रहे हैं।
नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव और आयुक्त महोदय को इस पर शीघ्र ध्यान देना चाहिये, हालांकि जांच एजेंसियों तक तो शिकायतें पहुंच ही रही है।
अपना सपना मनी-मनी