आईटीएम में हैप्पी पीरियड्स डे पर कार्यक्रम आयोजित

 



 


ग्वालियर । पीरियड्स के टाइम में होने वाले दर्द को नजरअंदाज न करें क्योंकि ये हर बार होता है और असहनीय है। इसका मतलब है कि ये एक गंभीर बीमारी एंडोमेट्रिओसिस है। इसमें आपको अत्यधिक ब्लीडिंग भी हो सकती है और यह इंफर्टिलिटी का बेहद प्रमुख कारण है। आजकल युवतियों मे ये बीमारी ज्यादा देखने को मिल रही है। वहीं जिन महिलाओं का मीनोपाॅज हो चुका है और उसके बाद भी अगर आपको पीरियड आते हैं तो इसे गंभीरता से लें क्योंकि पोस्ट मीनोपोज कैंसर का सबसे बड़ा लक्षण है। अक्सर महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर इसी से पता चलता है।’ 

कुछ ऐसी ही जानकारियां दे रही थीं शहर की जानी-मानी गायनकोलाॅजिस्ट डाॅ स्वाति अग्रवाल। वह आईटीएम ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स की वुमन एम्पावरमेंट सेल व पैडवुमन फाउंडेशन द्वारा आयोजित हैप्पी पीरियड्स डे पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान पीरियड्स के बारे में सम्पूर्ण जानकारी, सावधानियां समझाई गईं व जिज्ञासाओं का समााधान किया। उन्होंने बताया कि वल्र्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट अनुसार वर्तमान में औसतन 3 मिलियन फीमेल मेंसुरेट कर रही हैं। ऐसे में सेनेटरी पैड्स के कारण पर्यावरण को भी नुकसान अत्यधिक हो रहा है। इसके बजाय कई आप्शन को अब उपयोग में लाना चाहिए। जैसे सिलिकाॅन कप, बैम्बू पैड, क्लाॅथ पैड्स आदि ये सेफ भी हैं और ईकोफ्रेंडली भी। इस दौरान उन्होंने प्रजेंटेशन से पीरियड के चरण, प्री मेंसुरेशन और पोस्ट मेंसुरेशन के बारे में समझाया।